सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मतगणना कराने का दिया आदेश
-रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अवैध घोषित मतों को सुप्रीम कोर्ट ने वैध ठहराया
नई दिल्ली (सच्ची बातें)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर हुए विवाद में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच विवाद के केंद्र में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की, और कहा कि उन्हें “वैध वोट के तौर पर फिर से गिना जाएगा और ‘उसी के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे।” इसके साथ ही आप नेता कुलदीप कुमार के मेयर चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है। अवैध रूप से निर्वाचित घोषित भाजपा के मनोज सोनकर ने रविवार को ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
फिर से वोटों की गिनती में, जिसमें किन्ही कारणों से रिटर्निंग ऑफिसर मसीह द्वारा छोड़े गए आठ वोट भी शामिल हैं – से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद की दौड़ में स्पष्ट जीत मिलेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की। महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया। उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले। आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे. निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर आठ मतों को ‘खराब’ करने का आरोप लगा था।
आप पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आप नेता ने दावा किया है कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के आठ मतपत्रों को ‘खराब’ करके उन्हें अमान्य कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बैलेट पेपर तलब किए हैं और अब सुप्रीम कोर्ट खुद बैलेट पेपर देखेगा। इस मामले में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हार्स ट्रेडिंग गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने माना है कि उन्होंने बैलेट पेपर पर निशाना लगाया। अब मसीह बुधवार को अदालत में पेश होंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मंगलवार को दोपहर बाद सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से दायर की गई याचिका पर गत दिवस सोमवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। दोनों दलों ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव अधिकारी का वायरल हुआ वीडियो सबूत के तौर पर शीर्ष अदालत में पेश किया था, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी पर भड़क गए थे। कोर्ट में निर्वाचन अधिकारी ने कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था।
कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बैलेट पेपर मांगे थे। सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त सुरक्षा के साथ बैलेट पेपर लाने को कहा था। साथ ही काउंटिंग का पूरा वीडियो तलब किया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मसीह दोषी पाए गए तो कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मसीह से पूछा था कि आपने कुछ बैलेट पेपर पर एक्स मार्क लगाया या नहीं, जवाब में उन्होंने कहा कि हां आठ पेपर पर लगाया। इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको सिर्फ साइन करना चाहिए था, आपने किस अधिकार से निशान लगाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को नए सिरे से चुनाव कराने के लिए रिटर्निंग अफसर नियुक्त करने को कहेंगे। वो किसी राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट को इस मामले की निगरानी करने के लिए कहेंगे।
इस मामले में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में आज पेश हुए रिटर्निंग ऑफिस अनिल मसीह से पीठ ने पूछा कि क्या उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था या नहीं। इस बात को रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने कुबूल किया कि उन्होंने ऐसा किया था क्योंकि आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आकर बैलेट पेपर लेकर फाड़ा और भागे थे। इसपर पीठ ने पूछा लेकिन आफ क्रॉस क्यों लगाया था, तो अनिल मसीह ने कहा कि वे पेपर पर निशान देने की कोशिश कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी माना कि उन्होंने मार्क लगाया है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को कहेंगे नए रिटर्निंग ऑफिसर को नियुक्त करें।हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जरनल को कहेंगे कि इसको मॉनिटर करें।
कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार जरनल हाई कोर्ट को कहेंगे कि वो इस चुनाव से जुड़े वो सभी रिकॉर्ड ले कर हमारे पास आएं। हम मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने कहा कि जो बैलेट पेपर रजिस्टर जरनल के पास है वो एक जुडिशियल ऑफिसर सुबह 10.30 बजे हमारे पास ले कर आएंगे।
उधर रविवार को ही आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। आम आदमी पार्टी के पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी अब बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम बदल गया था। अब मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत हो गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार की सुनवाई में फिर से चुनाव की जरूरत नहीं समझी। आदेश दिया कि अवैध घोषित मतों को वैध मानते हुए फिर से मतगणना कराई जाए।
चंडीगढ़ नगर निगम में 30 जनवरी को चुनाव हुए थे, उस समय बीजेपी के पास 14 पार्षद थे। संख्या बल के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी। उसके बाद आम आदमी पार्टी के 13, जबकि कांग्रेस के पास 7 विधायक थे। इसके अलावा एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल का है। वहीं चंडीगढ़ का सांसद भी अपना वोट डालता है। आप-कांग्रेस ने मिलकर मेयर का चुनाव लड़ा था। इस हिसाब से देखें तो मेयर आप का बनना चाहिए था, लेकिन आप-कांग्रेस के 8 वोटों को रद्द कर दिया गया था और 16 वोट पाने वाली बीजेपी का मेयर बन गया था।
इसके बाद आप और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे। इसी वीडियो को आप और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।