छानबे में कौन लेगा राहुल का स्थान, रिंकी या कीर्ति ?
अपना दल एस की प्रत्याशी रिंकी के सामने होंगी समाजवादी पार्टी की कीर्ति
रिंकी के पति राहुल प्रकाश कोल के निधन से रिक्त हुई छानबे सीट पर हो रहा उपचुनाव, नामांकन 13 अप्रैल से
कीर्ति व इनके पिता भाईलाल दोनों मुंह की खा चुके हैं रिंकी के दिवंगत पति राहुल से
राहुल के पिता पकौड़ी लाल कोल ने भी 2019 के चुनाव में हराया था भाईलाल कोल को
राजेश पटेल, मिर्जापुर (सच्ची बातें) । छानबे विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में अपना दल सोनेलाल की उम्मीदवार रिंकी के सामने समाजवादी पार्टी से कीर्ति कोल प्रत्याशी होंगी. कीर्ति के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा स्वीकृति दे दिए जाने के बाद समाजवादी पार्टी द्वारा इनके नाम की घोषणा कर दी गई. अब छानबे का रण फिर दो बड़े राजनैतिक घरानों के बीच ही होगा.
आइए पहले जानते हैं रिंकी के परिवार के बारे में। रिंकी के ही पति राहुल प्रकाश कोल 2017 व 2022 के चुनाव में छानबे विधानसभा से विधायक चुने गए थे। अरसा बाद लगातार दूसरी बार इलाके की जनता ने राहुल में विश्वास जताया था। इस वर्ष की शुरुआत में कैंसर के कारण विधायक राहुल प्रकाश कोल का निधन हो गया था। इसी के कारण उपचुनाव की नौबत आई है। रिंकी स्वयं जिला पंचायत सदस्य हैं। इनके पति विधायक थे। श्वसुर पकौड़ी लाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से अपना दल एस से सांसद हैं। एक बार पहले भी पकौड़ी लाल कोल समाजवादी पार्टी से राबर्ट्सगंज सोनभद्र से सांसद थे। छानबे विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। देवरानी ब्लॉक प्रमुख है।
राजनीति में कीर्ति कोल का परिवार
कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल भी राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार सांसद व छानबे विधानसभा से दो बार विधायक थे। कीर्ति कोल 2022 के चुनाव में भी समाजवादी पार्टी से छानबे सीट के लिए प्रत्याशी थीं, लेकिन अपना दल एस उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल से हार गई थीं। इनके पिता भाईलाल कोल ने 1995 में अपने गांव पचोखर से पहली बार प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीता था। यही से इनके सियासी सफर की शुरुआत हुई। प्रधान से लेकर सांसद तक इनका सियासी सफर रहा। भाजपा से वह 1996 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए।
भाईलाल कोल एक बार सांसद, दो बार विधायक रहे
बीजेपी ने वर्ष-2001 के विस चुनाव में टिकट काट दिया तो वे बीएसपी में चले गए और वर्ष-2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए। जब बीएसपी ने 2009 में इनका टिकट काट दिया तो सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और वर्ष-2012 में फिर छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा से लड़े, मगर अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल ने इन्हें पराजित कर दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज सोनभद्र संसदीय सीट से अपना दल एस के उम्मीदवार व राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ीलाल कोल ने भी सपा प्रत्याशी भाईलाल कोल को हराया था।
विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद सपा ने कीर्ति को दिया था एमएलसी का टिकट
कीर्ति कोल विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर छानबे से चुनाव लड़ा था, लेकिन राहुल प्रकाश कोल की लोकप्रियता तथा भाजपा-अपना दल एस गठबंधन के आगे टिक नहीं सकीं। पराजित हो गईं। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी ने उनको विधान परिषद के लिए प्रत्याशी बनाया था। नामांकन भी हो गया था, लेकिन नामांकन पत्र की जांच के दौरान इनकी उम्र कम पाई गई और पर्चा ही खारिज हो गया था।
चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 13 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। 10 मई को मतदान होना है। देखना है कि इस बार के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कीर्ति को टिकट देती है या नहीं। यदि कीर्ति को टिकट मिलता है तो निश्चित रूप से लड़ाई दिलचस्प होगी। सिर्फ कोल जाति नहीं, मिर्जापुर जनपद के दो बड़े राजनैतिक घरानों के बीच विधानसभा में पहुंचने की जद्दोजहद एक बार फिर देखने को मिलेगी।
दोनों राजनैतिक घरानों में एक समानता है। कीर्ति के पिता भाईलाल कोल का नाता भाजपा, बीएसपी व सपा तीनों से रहा है। यही हाल पकौड़ी लाल कोल का भी है। इनका भी नाता सपा, बसपा व अब गठबंधन के चलते भाजपा से भी है। हालांकि यह परिवार अपना दल एस का अनुयायी है। पकौड़ीलाल कोल अपना दल एस से ही सांसद हैं। उनके पुत्र राहुल प्रकाश कोल अपना दल एस से विधायक थे। रिंकी अपना दल एस से ही जिला पंचायत सदस्य हैं। अब इसी पार्टी से विधानसभा चुनाव भी लड़ने जा रही हैं।
चुनाव कार्यक्रम
नामांकन- 13 अप्रैल से 20 अप्रैल तक
नामांकन पत्रों की जांच- 21 अप्रैल को
नामांकन पत्रों की वापसी- 24 अप्रैल तक
मतदान- 10 मई को
मतों की गिनती- 13 मई को
[…] इसे भी पढ़ें…छानबे विस उपचुनाव 2023 : दो बड़े राजनैतिक … […]