दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है मिर्जापुर के कोलना गांव का शिवमंदिर
-रानी विक्टोरिया ने भी की थी कलाकृतियों की तारीफ
डॉ. राजू पटेल, अदलहाट (मिर्जापुर)। अपने गौरवशाली इतिहास समेटे क्षेत्र के कोलना गांव की जैसे अपनी शिक्षा, संस्कार व शैली रही है उसी तरह से गांव का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यहां दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला शैली का अद्भुत नमूना श्रीराम-जानकी व लक्ष्मण यानी श्रीराम परिवार और देवों के देव महादेव भी पार्वती, प्रथम पूज्य गणेश और अपने गणों के साथ विराजमान हैं।
मंदिर की स्थापना सन 1850 मुगलकालीन दौर में जमींदार स्व. शिव रतन महतो पुत्र स्व. भीखा राम सिंह ने कराई। मंदिर की दीवारों पर फारसी में उत्कीर्ण शिलालेख आज भी इसकी गवाही देते हैं। मंदिर दो हिस्सों में है, एक मंदिर में श्रीराम अपने परिवार के साथ यानी श्रीराम जानकी और लक्ष्मण के साथ गर्भगृह में विराजमान हैं। गर्भगृह में संगमरमर की बनी श्रीराम-जानकी व लक्ष्मण की दिव्य मूर्तियां निगाहों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। गर्भगृह के बाहर हुनमान- अंगद, गरुण और तुलसी अपने प्रभु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पास विराजमान हैं। ठीक इसी के बगल में कैलाश पर्वतवासी देवाधिदेव महादेव हैं।
उत्कीर्ण हैं 24 अवतार की कलाकृतियां
नंदेश्वर शिवाला की दीवारों पर भगवान विष्णु के चौबीसों अवतारों की कलाकृतियां उत्कीर्ण हैं। मंदिर के खंभों की कारीगरी देखते ही बनती है। पत्थर के बने खंभों पर किसी पर एक कृष्ण दो गोपियां तो किसी पर एक कृष्ण के साथ कई गोपियां रास मुद्रा में हैं।
शिवद्वार का फारसी में शिलालेख
शिवद्वार मंदिर का इतिहास फारसी भाषा में दीवारों पर खुदा है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर गणेश अपनी पत्नी ऋद्धि-सिद्धि के साथ तो गर्भगृह में शिव-पार्वती, कीर्तिमुख, गणेश जी विराजमान हैं।
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रानी विक्टोरिया ने की थी कलाकृतियों की तारीफ
अंग्रेजी हुकुमत के दौरान कोलना गांव के शिव व श्रीराम दरबार के मंदिर की कला कृतियों की रानी विक्टोरिया ने भी तारीफ की थी। रानी विक्टोरिया ने स्व. लालू सिंह कुर्मी के परिवार को हिजहाईनेस की उपाधि प्रदान की थी।
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह कर चुके हैं दर्शन
कोलना के शिव मंदिर में पूर्व काशी नरेश, रीवा नरेश, मांडा नरेश, कुमार विजया नगरम, पूर्व मुख्य मंत्री स्व. कमला पति त्रिपाठी, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह, राजनाथ सिंह आदि नेता दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं।
“कोलना के शिव मंदिर के बारे में मान्यता है कि शिव दर्शन से मां की सूनी गोद भर जाती है। मंदिर की स्थापना ही संतान प्राप्ति की कामना से की गई थी।” – कृष्णानंद चौबे, शिव मंदिर के पुजारी, कोलना