November 8, 2024 |

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माघ मेला : प्रयागराज में प्रकृति धर्म पर मंथन, जानिए क्या निकला ?

Sachchi Baten

प्रकृति धर्म मंथन में पीपल, नीम और तुलसी लगाने की अपील

माघ मेला क्षेत्र, प्रयागराज (सच्ची बातें)। माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज के सेक्टर पांच स्थित स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ शिविर में दो दिवसीय प्रकृति धर्म अध्यात्म मंथन का समापन हो गया। सुबह संगम स्नान के समय नुक्कड़ नाटक के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूक किया गया।

शिविर में पीपल, नीम और तुलसी का पौधा लगाने की अपील की गई। बिहार के डॉ. धर्मेंद्र कुमार के संयोजन में हुए कार्यक्रम में पड़ोसी देश नेपाल सहित उड़ीसा, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पानी, हवा और भूमि में हो रहे प्रदूषण से मुक्ति के लिए पौधरोपण जरूरी है। हसदेव जंगल बचाने व जीवनदायिनी नदियों के अस्तित्व को बनाये रखने की भी बात उठाई गई।

नेपाल से आए राम गुलाम कर्ण ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण सबकी आवश्यकता है। हम सबको इसमें जुड़कर काम करना चाहिए। नेपाल की कमला नदी के जीर्णोद्धार के लिए उन्होंने काम किया था। उसके बारे में लोगों को बताया। नेपाल भारत मैत्रेई संघ के सदस्य विक्रम ने कहा कि सांस हो रही कम, पेड़ लगाए हम।

बिहार से आए नाज मोहम्मद ने पॉलीथिन के बहिष्कार की अपील की। साथ ही बताया कि मक्के के छिलके से कई जरूरी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। प्लास्टिक से बनने वाली वस्तुएं मक्के के छिलके से बनाई जा सकती हैं।

फतेहपुर से आए रोहित उमरांव ने गंगा मुंडमाल परिक्रमा का अनुभव साझा किया। इस मौके पर छोटी नदियां बचाओ अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्कूलों में अब जल कथा अभियान शुरू किया जायेगा। मुजफ्फरपुर से आए ब्रजेश कुमार ने कई पौधों के बीज लोगों को बांटे।

नोएडा से आईं डॉ. हर्ष प्रभा की पुस्तक का विमोचन भी इस कार्यक्रम में हुआ। डॉ. समीर अंसारी ने कहा कि पेड़ पौधे कम हुए तो सांसों का संकट हो जाएगा। इसलिए पौधे लगाएं और सांसों को प्रदूषित होने से बचाएं।

उड़ीसा से आए मनोज जागा ने हसदेव जंगल के उजाड़े जाने की व्यथा बताई। उन्होंने बताया कि वहां पर सरकारी स्तर पर जंगल काटा जा रहा है। उस जंगल के नीचे कोयले की खदान है। उसकी नीलामी कर दी गई और कई किलोमीटर का जंगल काटा जा रहा है। वहां के लोग उसे बचाने में लगे हैं और सरकारी स्तर पर उसे उजाड़ा जा रहा है।

उन्होंने उस जंगल को बचाने की अपील की है। पर्यावरण सचेतक नैपाल सिंह पाल ने कहा कि प्रकृति पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। हरे पेड़ पौधे ही प्रकृति में ऑक्सीजन की प्राकृतिक फैक्ट्री हैं। जो हमें प्राणवायु प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद को सम्मान नहीं मिला है। जबकि अत्यधिक जैव विविधता को बनाये रखता है।बिहार से आए लोक गायक सुनील कुमार ने नाट्य मंचन के जरिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया। अंत में स्वामी अधोक्षजानंद ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया।

कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण सचेतक नैपाल सिंह पाल व मंटू कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर अनुपम मिश्रा, प्रवीण कुमार, अमित मरकंद, दिलीप यादव, कन्हैया, सनी कुमार, विपिन कुमार, दिलीप कुमार यादव, निर्मल सिंह,आलोक कुमार, डॉ. अमित, सुभाष सिंह, शिवम विक्रम पटेल, राजेन्द्र सिंह पटेल, राम बहादुर आदि उपस्थित रहे।


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