सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के मुकाबले वृद्धि दर रही ज्यादा
नई दिल्ली (सच्ची बातें)। बीता अगस्त बीमा क्षेत्र की निजी कंपनियों के लिए काफी अच्छा साबित हुआ। इनके व्यवसाय में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई।
बीमा क्षेत्र की निजी कंपनियों ने तुलनात्मक रूप से 21 प्रतिशत वृद्धि की। जुलाई में यह आंकड़ा 16 फीसद ही रहा। इसके मुकाबले सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की वृद्धि दर तीन प्रतिशत ही रही।
बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित देवांशु दत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक निजी क्षेत्र में भी बैंक से संबंधित कंपनियों ने 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि एजेंसी की वृद्धि दर 10 प्रतिशत के स्तर पर कम रही। चालू वित्त वर्ष (वर्ष 2023-24 या वित्त वर्ष 24) के दौरान अब तक व्यक्तिगत वार्षिक प्रीमियम समकक्ष या एपीई वृद्धि उद्योग के लिए आठ प्रतिशत और निजी कंपनियों के लिए 13 प्रतिशत रही।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की वृद्धि दर उसकी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कम रही। जुलाई 23 में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बाद अगस्त 23 में यह 12 प्रतिशत रही। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 23 के मूल्य की तुलना में वित्त वर्ष 24 में (अब तक) बाजार हिस्सेदारी में 32 आधार अंक (बीपीएस) की कमी आई है।
एसबीआई लाइफ में जुलाई 23 के दौरान 31 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अगस्त 23 में 34 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और वित्त वर्ष 23 के मुकाबले वित्त वर्ष 24 के पहले पांच महीने के दौरान 122 आधार अंक की बाजार हिस्सेदारी हासिल की।
अगस्त 23 में एचडीएफसी लाइफ की वृद्धि दर 24 प्रतिशत रही (एक्साइड लाइफ से समायोजित, यह 16 प्रतिशत अधिक थी), जिसके परिणामस्वरूप जुलाई में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने के बाद बाजार हिस्सेदारी में 84 आधार अंकों का इजाफा हुआ।
कंपनी का वितरण मजबूत रहा है तथा यह वृद्धि और लाभ के लिए उत्पादों और चैनलों के बीच आपसी परिवर्तन करने के मामले में काफी लचीली है। मैक्स लाइफ ने जुलाई 23 में 19 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अगस्त में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की तथा बाजार हिस्सेदारी में 46 आधार अंकों की बढ़त हासिल की।
बजाज लाइफ (जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं है) ने अगस्त 23 में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और वित्त वर्ष 24 में अब तक 67 आधार अंक की बाजार हिस्सेदारी हासिल की है।