फतेहपुर (FATEHPUR)
इस बैंक में पैसों का नहीं, किताबों का होता है लेनदेन…
-युवा विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा की अनूठी पहल
-‘नेकी की किताब’ बैंक जरूरतमंदों के लिए बना वरदान
मनोज कुमार उमराव, फतेहपुर (सच्ची बातें)। बैंक का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में उभरने वाली तस्वीर से हम सभी वाकिफ हैं। एक ऐसा स्थान, जहां पर पैसों का लेनदेन होता है। लेकिन आज हम आप को ऐसे बैंक के बारे में बताते हैं, जहां पैसे नहीं बल्कि किताबों का लेन देन होता है।
जरूरतमंद बच्चों (नेकी की किताब बैंक) को शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस बैंक से सैकड़ों की संख्या में बच्चे लाभ ले रहे हैं। खास बात यह है कि यहां पर पहली कक्षा से लेकर इंजीनियर कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षाओं की बुक्स निश्शुल्क उपलब्ध हैं।
फतेहपुर शहर के सिविल लाइन स्थित गांधी पार्क में खुला यह बुक बैंक अपने आप में अनोखा है। इस बैंक में आकर कोई भी जरूरतमंद छात्र अथवा छात्रा पुस्तकें लेकर जा सकता है। इसके लिए छात्र एवं छात्रा से कोई शुल्क जमा नहीं कराया जाता है। बल्कि इसके बदले में यदि कोई पुरानी किताबों को डोनेट करना चाहता है तो आकर कर सकता है।
युवा विकास समिति प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि इस बुक बैंक का सबसे ज्यादा लाभ उन बच्चों को मिल रहा है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नही है। इस बुक बैंक में स्कूल से लेकर सभी तरह के कॉलेज की पुस्तकें उपलब्ध हैं।
स्टूडेंट्स को भी आ रहा रास :
बुक बैंक का लाभ ले रहीं गीता और पूनम बताती हैं कि इस बैंक की शुरुआत से उन्हें काफी सहायता मिली है। इस बुक बैंक में कई तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की बुक्स उपलब्ध है, जो कई बार बाजार में भी नहीं मिलती हैं।
उन्होंने कहा कि यहां पर हर तरह की बुक उपलब्ध होने से स्टूडेंट आसानी से अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह भी इस बैंक की बुक्स का लाभ ले रही हैं।
स्टूडेंट राकेश बताते हैं कि उन्होंने यहां पर अपने कॉलेज की बुक्स को डोनेट किया है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। कई बार हम अपनी पुरानी किताबों को कबाड़ में बेच देते हैं या फेंक देते हैं। उनका कोई उपयोग नहीं होता, लेकिन यहां पर अगर कोई भी स्टूडेंट्स अपनी पुरानी बुक्स को डोनेट करता है तो उससे दूसरे जरूरतमंद बच्चों को लाभ मिल सकेगा। है न अनूठा बैंक।